pm jan dhan yojana kya hai.भारत के आर्थिक विकास में गरीबी सबसे बड़ी बाधा है, और इसे दूर करने के लिए वित्तीय समावेशन बेहद आवश्यक है। यदि लोग वित्तीय सेवाओं से वंचित रहेंगे, तो यह हमारे देश के विकास की गति को धीमा कर देगा। इस समस्या के समाधान के लिए, भारत सरकार ने प्रधानमंत्री जन-धन योजना (PMJDY) की शुरुआत की, जिसका उद्देश्य समाज के हर वर्ग को बैंकिंग सेवाओं से जोड़कर आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है।
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प्रधानमंत्री जन-धन योजना: गरीबी उन्मूलन और वित्तीय समावेशन की दिशा में एक क्रांतिकारी पहल
योजना की शुरुआत और उद्देश्य
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त 2014 को लाल किले से इस योजना की घोषणा की और इसे 28 अगस्त 2014 को पूरे देश में लॉन्च किया गया। इस योजना का उद्देश्य समाज के हर व्यक्ति, विशेषकर गरीब वर्गों, को बैंकिंग और वित्तीय सेवाओं का लाभ पहुंचाना है। माननीय प्रधानमंत्री ने इसे ‘गरीबों की मुक्ति का त्योहार’ कहा, क्योंकि यह योजना गरीबों को वित्तीय स्वतंत्रता और समृद्धि की ओर एक बड़ा कदम है।
प्रमुख विशेषताएँ
प्रधानमंत्री जन-धन योजना विश्व की सबसे बड़ी वित्तीय समावेशन योजना मानी जाती है। इसके तहत, निम्नलिखित प्रमुख लाभ प्रदान किए जाते हैं:
- बैंक खाता खोलने की सुविधा: हर नागरिक बिना किसी न्यूनतम बैलेंस के बैंक खाता खोल सकता है।
- रुपे डेबिट कार्ड: खाताधारकों को रुपे डेबिट कार्ड दिया जाता है, जिसमें 1 लाख रुपये तक का दुर्घटना बीमा शामिल है।
- ओवरड्राफ्ट सुविधा: छह महीने तक खाता सक्रिय रहने के बाद खाताधारक को 5,000 रुपये तक की ओवरड्राफ्ट सुविधा मिलती है।
- बीमा लाभ: खाताधारकों को 30,000 रुपये का जीवन बीमा और 2 लाख रुपये का दुर्घटना बीमा मिलता है।
- प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (DBT): सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे खातों में ट्रांसफर होता है, जिससे सब्सिडी और वित्तीय सहायता आसानी से पहुंचती है।
गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में उपलब्धि
प्रधानमंत्री जन-धन योजना को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी शामिल किया गया है, क्योंकि इस योजना के तहत एक सप्ताह में 18,096,130 बैंक खाते खोले गए। यह उपलब्धि भारत सरकार के वित्तीय सेवा विभाग ने 23 से 29 अगस्त 2014 के बीच हासिल की थी।
योजना की आर्थिक महत्ता
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इस योजना को देश की अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण बताया और कहा कि इससे प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण की प्रक्रिया में पारदर्शिता आई है। इसके परिणामस्वरूप सरकारी खर्चों में बचत हो रही है और गरीबों तक आर्थिक लाभ सीधे पहुंच रहे हैं।
समावेशन और सशक्तिकरण का रास्ता
प्रधानमंत्री जन-धन योजना के माध्यम से सरकार ने वित्तीय समावेशन को एक नई दिशा दी है। यह योजना न केवल गरीबों को बैंकिंग प्रणाली से जोड़ती है, बल्कि उन्हें वित्तीय जागरूकता और सशक्तिकरण की ओर भी ले जाती है। इससे देश के आर्थिक विकास में सभी नागरिकों की भागीदारी सुनिश्चित हो रही है।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री जन-धन योजना का उद्देश्य केवल बैंक खाता खोलने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह योजना वित्तीय सेवाओं तक सभी की पहुँच, आर्थिक सुरक्षा, और समग्र विकास के लिए महत्वपूर्ण कदम है। वित्तीय समावेशन का यह राष्ट्रीय मिशन गरीबी उन्मूलन और देश की आर्थिक समृद्धि की दिशा में एक क्रांतिकारी पहल है।