durga puja 2024 पश्चिम बंगाल का सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण त्योहार है, जिसे न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से देखा जाता है, बल्कि यह बंगाल की अर्थव्यवस्था का भी अहम हिस्सा है। हर साल यह त्योहार लाखों लोगों के लिए रोजगार और आय का मुख्य स्रोत बनता है। यह त्यौहार बंगाल की creative economy (रचनात्मक अर्थव्यवस्था) को भी मजबूती देता है।
durga puja 2024| Bengal Durga Puja पर विरोध प्रदर्शनों का असर
एक ब्रिटिश काउंसिल द्वारा किए गए अध्ययन के अनुसार, वर्ष 2019 में दुर्गा पूजा की creative economy का कुल मूल्य 32,000 करोड़ रुपये था, जो पश्चिम बंगाल की GDP (सकल घरेलू उत्पाद) का लगभग 2.58% था। वित्तीय वर्ष 2019-2020 के लिए यह आंकड़ा 50,000 करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान था, जो राज्य की economy का लगभग 4.6% है।
हालांकि, इस वर्ष, बंगाल की दुर्गा पूजा अर्थव्यवस्था पर काले बादल मंडरा रहे हैं। इसका मुख्य कारण राज्य में हो रहे विरोध प्रदर्शन और प्राकृतिक आपदाएं हैं, जो पूजा की तैयारियों और उत्सव को प्रभावित कर रही हैं।
हाल ही में आई बाढ़ ने राज्य के कई हिस्सों को बुरी तरह प्रभावित किया है, जिससे businesses और दुर्गा पूजा की तैयारियों पर बुरा असर पड़ा है।
इसके अलावा, आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में हुई एक जघन्य बलात्कार और हत्या की घटना ने पूरे राज्य में आक्रोश पैदा कर दिया है, जिसके कारण कुछ लोग muted Durga Puja (शांतिपूर्ण ढंग से पूजा मनाने) की मांग कर रहे हैं।
इस मांग से राज्य के सबसे बड़े त्योहार की रौनक फीकी पड़ सकती है और यह Durga Puja economy पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है।
Durga Puja Economy पर विरोध प्रदर्शनों का असर
कोलकाता और अन्य शहरों में हो रहे protests (विरोध प्रदर्शनों) ने दुर्गा पूजा की तैयारियों और उत्सव को बुरी तरह प्रभावित किया है। खासकर दुकानों और shopping malls में भीड़ कम हो गई है।
Gariahat (गड़िया हाट), जो दुर्गा पूजा की खरीदारी के लिए एक प्रमुख स्थल है, वहां भी इस साल पिछले वर्षों की तुलना में भीड़ काफी कम दिखाई दे रही है। Mahalaya के एक सप्ताह पहले तक बाजारों में भीड़ का न होना इस बात का संकेत है कि विरोध प्रदर्शनों का प्रभाव गंभीर है।
durga puja 2024| Bengal Durga Puja पर विरोध प्रदर्शनों का असर
local traders (स्थानीय व्यापारी) उम्मीद कर रहे हैं कि अंतिम सप्ताह में खरीदारी में तेजी आएगी और इससे उनके business को कुछ राहत मिल सकेगी।
लेकिन अगर यह स्थिति बनी रही, तो असंगठित व्यापार और छोटे व्यापारियों पर इसका सीधा प्रभाव पड़ सकता है। असंगठित क्षेत्र से जुड़े लाखों लोग दुर्गा पूजा पर निर्भर हैं, और अगर यह उत्सव धूमधाम से नहीं मनाया गया तो यह poorest strata of society (सबसे गरीब वर्ग) के लिए बड़ा संकट बन सकता है।
Creative Economy और दुर्गा पूजा का योगदान
दुर्गा पूजा केवल धार्मिक उत्सव नहीं है, बल्कि यह बंगाल की creative economy का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। sculptors (मूर्तिकार), painters (चित्रकार), designers (डिजाइनर), musicians (संगीतकार), dancers (नर्तक) और अन्य कलाकार इस उत्सव से सीधे जुड़े होते हैं।
इसके अलावा, बाजार, food industry (खाद्य उद्योग), travel और tourism उद्योग भी इस दौरान बहुत तेजी से बढ़ते हैं।
यह त्योहार बंगाल को न केवल राज्य के भीतर बल्कि राज्य के बाहर से भी पर्यटकों को आकर्षित करता है।
durga puja 2024| Bengal Durga Puja पर विरोध प्रदर्शनों का असर
हर साल हजारों लोग केवल दुर्गा पूजा के दौरान बंगाल आते हैं और इस दौरान sales (खरीदारी) और अन्य economic activities (आर्थिक गतिविधियों) में तेज़ी आती है।
दुर्गा पूजा के दौरान pandals (पंडाल) की सजावट, idols (मूर्तियों) की निर्माण प्रक्रिया, decorations (सजावट), music और dance programs जैसे आयोजन रचनात्मक अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देते हैं।
2020 में COVID-19 महामारी के बावजूद, दुर्गा पूजा ने बंगाल की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान दिया। लेकिन इस साल विरोध प्रदर्शन और अपराध की घटनाओं ने स्थिति को जटिल बना दिया है।
राज्य सरकार और राजनीतिक दृष्टिकोण
राज्य की ruling Trinamool Congress (सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस) का कहना है कि विरोध प्रदर्शनों का मुख्य उद्देश्य Bengal’s economy को निशाना बनाना है। सरकार का मानना है कि दुर्गा पूजा के दौरान विरोध प्रदर्शन करने से राज्य के लाखों लोगों की आजीविका प्रभावित होगी।
सत्तारूढ़ दल का यह भी कहना है कि विरोध प्रदर्शन political gain (राजनीतिक लाभ) के लिए किए जा रहे हैं और इसका सीधा प्रभाव राज्य की prosperity (समृद्धि) पर पड़ेगा।
durga puja 2024| Bengal Durga Puja पर विरोध प्रदर्शनों का असर
राज्य सरकार ने जनता से अपील की है कि वे विरोध प्रदर्शनों का बहिष्कार करें और दुर्गा पूजा को पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाएं। Chief Minister Mamata Banerjee (मुख्यमंत्री ममता बनर्जी) ने भी इस मुद्दे पर चिंता जताई है और लोगों से त्योहार को शांतिपूर्ण तरीके से मनाने की अपील की है।
दुर्गा पूजा का भविष्य और अर्थव्यवस्था
दुर्गा पूजा बंगाल की cultural heritage (सांस्कृतिक धरोहर) है और इसका economic significance (आर्थिक महत्व) भी बहुत बड़ा है। विशेषज्ञों का मानना है कि पूजा के अंतिम सप्ताह में shopping malls और बाजारों में भीड़ बढ़ सकती है और इससे व्यापार में कुछ सुधार हो सकता है।
दुर्गा पूजा का प्रभाव पूरे राज्य में देखा जा सकता है, खासकर उन लोगों पर जो सीधे-सीधे इस उत्सव से जुड़े हुए हैं। अगर इस साल पूजा में कोई कमी आती है, तो इसका सीधा असर उन लाखों लोगों पर पड़ेगा जो small businesses, artisan trades (कला एवं कारीगरी) और अन्य असंगठित क्षेत्रों में काम करते हैं।
durga puja 2024| Bengal Durga Puja पर विरोध प्रदर्शनों का असर
अंततः, बंगाल की दुर्गा पूजा सिर्फ एक धार्मिक उत्सव नहीं है, यह राज्य की अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण pillar (स्तंभ) है। इस साल की चुनौतियों को देखते हुए, यह देखना दिलचस्प होगा कि राज्य इस संकट से कैसे उबरता है और इस विशिष्ट त्योहार को सफलतापूर्वक कैसे मनाता है।
durga puja 2024| Bengal Durga Puja पर विरोध प्रदर्शनों का असर
दुर्गा पूजा केवल बंगाल के लोगों के लिए नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए एक महत्वपूर्ण event (घटना) है, और इस साल के हालात इसे और अधिक महत्वपूर्ण बना रहे हैं।