Cancer Research.भारत में कैंसर से संबंधित आनुवांशिक विविधताओं की बेहतर समझ विकसित करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए, इंडियन कैंसर जीनोम एटलस (ICGA) फाउंडेशन ने एक पोर्टल लॉन्च किया है। यह पोर्टल कैंसर के विभिन्न पहलुओं की जानकारी का भंडार बनने की उम्मीद करता है।
ICGA फाउंडेशन की चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर सुवीरा धूप ने कहा, “यह पोर्टल भारत में पहला होगा जो DNA, RNA और प्रोटीन प्रोफाइल्स जैसी जानकारी प्रदान करेगा, विशेष रूप से स्तन कैंसर के मरीजों का डेटा जिसमें क्लिनिकल परिणामों का भी समावेश होगा।”
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इस पहल से जुड़े और वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) के पूर्व महानिदेशक शेखर मांडे ने कहा, “ऐतिहासिक रूप से, भारत में कैंसर उपचार Western data sets पर आधारित रहा है। हालांकि, भारतीय मरीजों में कैंसर आणविक स्तर पर काफी भिन्न हो सकते हैं। इस तरह का डेटा भंडार बनाकर और इसे खुले तौर पर साझा करके, हम शोधकर्ताओं, चिकित्सकों और इनोवेटर्स को नए मोर्चों की खोज करने और कैंसर के उपचार में परिवर्तनकारी प्रगति करने का अधिकार दे रहे हैं।”
फिलहाल, प्लेटफ़ॉर्म पर 50 स्तन कैंसर मरीजों का डेटा उपलब्ध है, और अगले साल तक इसे 500 मरीजों तक विस्तारित करने की योजना है। यह डेटा वैश्विक शोध समुदाय के लिए मुफ्त में उपलब्ध है, जो कैंसर अनुसंधान में “नैतिक साझेदारी और सहयोग” को बढ़ावा देता है।
ICGA की प्रेरणा The Cancer Genome Atlas (TCGA) से ली गई है, जो 2006 में शुरू किया गया था। TCGA ने 20,000 से अधिक प्राथमिक कैंसरों का आणविक स्तर पर अध्ययन किया है और यह कैंसर जीनोमिक्स में एक महत्वपूर्ण वैश्विक भंडार रहा है। हालांकि, भारत में इस तरह की पहल के सफल होने के लिए, संस्थानों को उनके डेटा को साझा करने के लिए प्रोत्साहन प्रणाली तैयार करनी होगी, साथ ही diagnostic companies, hospitals और drug companies का एक इको-सिस्टम तैयार करना होगा जो विशेष शोध प्रश्नों के उत्तर खोजने में निवेशित हों।
यह पहल भारतीय संदर्भ में स्तन कैंसर पर महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करेगी और कैंसर के उपचार के नए आयामों को उजागर करेगी। 2020 में, स्तन कैंसर ने वैश्विक स्तर पर कैंसर की घटनाओं में फेफड़ों के कैंसर को पीछे छोड़ दिया था।