Praveen Kumar Ki Swarnim Chhalaang Se Bharat Ka Tiranga Shaan Se Laharaya
प्रवीण कुमार की स्वर्णिम छलांग से भारत का तिरंगा शान से लहराया
7 सितंबर, 2024
भारत के पैरालंपिक इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ते हुए, हाई जम्पर प्रवीण कुमार ने शानदार प्रदर्शन के साथ स्वर्ण पदक जीता है। 21 वर्षीय प्रवीण, जो नोएडा के निवासी हैं और जन्मजात विकलांगता के साथ जीवन की चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, ने T64 श्रेणी में 2.08 मीटर की छलांग लगाकर नया एशियाई रिकॉर्ड स्थापित किया। इस उपलब्धि ने प्रवीण को न केवल टोक्यो पैरालंपिक का रजत पदक स्वर्ण में बदलने का मौका दिया बल्कि उन्हें विश्व स्तर पर पहचान दिलाई। उन्होंने इस श्रेणी में अमेरिका के डेरेक लोकेडेंट (2.06 मीटर) और उजबेकिस्तान के तेमुर्बेक गियाज़ोव (2.03 मीटर) को हराया।
Praveen Kumar Ki Swarnim Chhalaang Se Bharat Ka Tiranga Shaan Se Laharaya
भारत की पदक तालिका में इजाफा:
प्रवीण की स्वर्णिम सफलता ने भारत को पैरालंपिक ओवरऑल स्टैंडिंग्स में कनाडा और कोरिया जैसे देशों से आगे बढ़ा दिया है। इस बार के पैरालंपिक में भारत के पैरा-एथलीट्स ने अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए देश के लिए कुल 26 पदक जीते हैं, जिनमें 6 स्वर्ण, 9 रजत और 11 कांस्य शामिल हैं। यह प्रदर्शन भारतीय खेलों में एक नया मील का पत्थर साबित हो रहा है।
अन्य भारतीय एथलीट्स की उपलब्धियां:
दिलीप गवित ने पुरुषों की 400 मीटर T47 स्पर्धा में शानदार प्रदर्शन करते हुए हीट में तीसरे स्थान पर रहकर 49.54 सेकंड के सीजन बेस्ट समय के साथ फाइनल में प्रवेश किया। इसी तरह, दृष्टिहीन धाविका सिमरन ने महिलाओं की 200 मीटर T12 स्पर्धा में 25.03 सेकंड का समय निकालकर फाइनल में अपनी जगह पक्की की।
भारतीय कैनोइस्ट्स प्राची यादव और यश कुमार ने भी अपने-अपने इवेंट्स में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए सेमीफाइनल में जगह बनाई। प्राची यादव और पूजा ओझा ने महिलाओं की Va’a सिंगल 200 मीटर VL2 और KL1 200 मीटर हीट में क्रमशः 1:06.83 सेकंड और 1:16.09 सेकंड का समय निकाला, जबकि यश कुमार ने पुरुषों की KL1 200 मीटर हीट में 1:03.27 सेकंड का समय दर्ज किया।
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अन्य एथलीट्स के प्रदर्शन:
महिलाओं की जैवलिन थ्रो F46 स्पर्धा में भवना अजबाजी चौधरी ने पांचवां स्थान प्राप्त किया, जबकि 19 वर्षीय दीपेश कुमार (26.11 मीटर) पुरुषों की जैवलिन थ्रो F54 स्पर्धा में अंतिम स्थान पर रहे। वेटलिफ्टर कस्तूरी राजमणि ने अपने व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन को दोहराया, लेकिन नौ प्रतिस्पर्धियों में से आठवें स्थान पर रहीं।
प्रेरणा का नया स्त्रोत:
भारत के शेफ डे मिशन सत्य प्रकाश सांगवान ने कहा कि प्रवीण कुमार और अन्य भारतीय एथलीट्स की ये उपलब्धियां आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनेंगी। भारत के झंडे को ऊंचाई पर लहराने वाले इन एथलीट्स ने साबित कर दिया है कि चुनौतियों को अवसर में बदलने का जुनून और दृढ़ संकल्प हो तो कोई भी मंजिल मुश्किल नहीं होती।
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