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physics noble prize winners 2024|John Hopfield & Geoffrey Hinton

physics noble prize winners 2024.रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज ने मंगलवार को घोषणा की कि भौतिकी में नोबेल पुरस्कार (Nobel Prize in Physics) प्रोफेसर जॉन हॉपफील्ड (John Hopfield) और प्रोफेसर जेफ्री हिंटन (Geoffrey Hinton) को उनके “मशीन लर्निंग (Machine Learning – ML) में कृत्रिम तंत्रिका नेटवर्क (Artificial Neural Networks – ANN) से संबंधित मौलिक खोजों और आविष्कारों” के लिए प्रदान किया गया है।

मशीन लर्निंग और कृत्रिम तंत्रिका नेटवर्क का उपयोग डेटा प्रोसेसिंग के लिए कई शोध क्षेत्रों में किया जाता रहा है, लेकिन ChatGPT जैसे चैट एआई ऐप्स (chat AI apps) की लोकप्रियता के कारण, यह तकनीकी शब्द अब घर-घर तक पहुंच गए हैं।

इस साल के नोबेल पुरस्कार विजेताओं का काम उन मशीनों की सैद्धांतिक नींव से जुड़ा है जो बिना इंसान द्वारा सिखाए हुए सीख सकती हैं और अपने ज्ञान का उपयोग प्रश्नों का उत्तर देने के लिए कर सकती हैं।

physics noble prize winners 2024
physics noble prize winners 2024

physics noble prize winners 2024|John Hopfield & Geoffrey Hinton

तंत्रिका नेटवर्क: आधारभूत संरचना

कृत्रिम तंत्रिका नेटवर्क (ANN) मूल रूप से तंत्रिकाओं (neurons) या व्यापक रूप से डेटा प्रोसेसिंग करने वाले नोड्स (nodes) के समूह होते हैं, जो विशिष्ट तरीकों से जुड़े होते हैं। रिपरेंट तंत्रिका नेटवर्क (Recurrent Neural Networks – RNN) में जानकारी दोनों दिशाओं में प्रवाहित हो सकती है, जिससे यह मशीनों के लिए अधिक लचीला और शक्तिशाली साधन बन जाता है।

हॉपफील्ड नेटवर्क: क्रांतिकारी आविष्कार

प्रिंसटन विश्वविद्यालय (Princeton University) के प्रोफेसर जॉन हॉपफील्ड को हॉपफील्ड नेटवर्क (Hopfield Network) नामक एक प्रकार के रिपरेंट तंत्रिका नेटवर्क (Recurrent Neural Network – RNN) को विकसित करने का श्रेय दिया जाता है।

यह नेटवर्क तंत्रिकाओं के बीच जानकारी सीखने और प्रोसेस करने के लिए हेब्बियन लर्निंग (Hebbian Learning) पर आधारित है, जो न्यूरोसाइकोलॉजी का एक विचार है कि अगर एक तंत्रिका बार-बार दूसरी तंत्रिका को ट्रिगर करती है, तो उनके बीच का संबंध मजबूत हो जाता है।

हॉपफील्ड नेटवर्क के नियम भौतिकी के उन सिद्धांतों पर आधारित हैं, जिनमें कई परमाणुओं का समूह होता है, जहां प्रत्येक परमाणु अपना छोटा चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न करता है।

यह नेटवर्क एक अधूरी पैटर्न को पूरा करने या एक धुंधली छवि को साफ करने के लिए वही प्रक्रिया अपनाता है, जो भौतिकी में चुंबकीय परमाणुओं की कुल ऊर्जा को कम करने के लिए की जाती है।

physics noble prize winners 2024|John Hopfield & Geoffrey Hinton

सांख्यिकीय भौतिकी और तंत्रिका नेटवर्क

प्रोफेसर हॉपफील्ड का 1982 का शोधपत्र एक बुनियादी सवाल उठाता है कि कैसे एक बड़ी संख्या में साधारण तंत्रिकाएं स्वतःस्फूर्त रूप से सामूहिक या उद्भवपूर्ण प्रक्रियाओं के रूप में कंप्यूटेशनल कार्यों को अंजाम दे सकती हैं।

बेंगलुरु स्थित इंटरनेशनल सेंटर फॉर थियोरेटिकल साइंसेस (International Centre for Theoretical Sciences – ICTS) के संस्थापक निदेशक स्पेंटा वाडिया के अनुसार, “इस पेपर ने न्यूरल सर्किट मॉडलिंग में सांख्यिकीय भौतिकी (Statistical Physics) के तरीकों और विचारों के उपयोग की नींव रखी।”

जेफ्री हिंटन और बोल्ट्जमैन मशीन

यूनिवर्सिटी ऑफ टोरंटो (University of Toronto) के प्रोफेसर जेफ्री हिंटन ने बोल्ट्जमैन मशीन (Boltzmann Machine) नामक एक अन्य नेटवर्क को संज्ञानात्मक कार्यों को अंजाम देने के लिए अनुकूलित किया। उन्होंने हॉपफील्ड नेटवर्क और अन्य मॉडलों के सिद्धांतों का उपयोग करते हुए इसे आगे बढ़ाया।

2000 के दशक में, प्रोफेसर हिंटन ने एक संशोधित कृत्रिम तंत्रिका नेटवर्क (Modified ANN) के लिए एक एल्गोरिद्म विकसित किया जिसे रिस्ट्रिक्टेड बोल्ट्जमैन मशीन (Restricted Boltzmann Machine – RBM) कहा जाता है।

इस प्रणाली में एक परत के तंत्रिकाओं को प्रशिक्षित किया जा सकता है और कई परतों को एक के ऊपर एक रखा जा सकता है, जिससे पहला ऐसा ANN बना जो डीप लर्निंग (Deep Learning) में सक्षम था।

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डीप लर्निंग और एआई की प्रगति

डीप लर्निंग (Deep Learning) और एआई (AI) की प्रगति ने मशीनों को जटिल कार्यों को करने की क्षमता दी है, जैसे कि भाषण की पहचान (speech recognition), छवि की पहचान (image recognition), और प्राकृतिक भाषा प्रोसेसिंग (Natural Language Processing – NLP)।

ये तकनीकें अब ऑटोमेशन, हेल्थकेयर, फाइनेंस, और कई अन्य क्षेत्रों में उपयोग की जा रही हैं, और इसका श्रेय प्रोफेसर हॉपफील्ड और प्रोफेसर हिंटन के मौलिक योगदान को जाता है।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और भविष्य की दिशा

भविष्य में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence – AI) और मशीन लर्निंग (Machine Learning – ML) तकनीकें और भी अधिक विकसित होंगी, और इसका प्रभाव हमारे जीवन के हर पहलू पर पड़ेगा।

प्रोफेसर हॉपफील्ड और प्रोफेसर हिंटन की खोजें इस विकास की बुनियाद हैं, और उनके शोध ने न्यूरल नेटवर्क्स (Neural Networks) को समझने और उपयोग करने के लिए एक मजबूत आधार प्रदान किया है।

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निष्कर्ष

2023 का भौतिकी का नोबेल पुरस्कार प्रोफेसर जॉन हॉपफील्ड और प्रोफेसर जेफ्री हिंटन को दिया गया है, जिन्होंने मशीन लर्निंग (ML) और कृत्रिम तंत्रिका नेटवर्क (ANNs) के क्षेत्र में क्रांतिकारी योगदान दिए हैं। उनके शोध ने हमें यह समझने में मदद की है कि मशीनें बिना मानवीय हस्तक्षेप के कैसे सीख सकती हैं और जानकारी का उपयोग कर सकती हैं।

डीप लर्निंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के क्षेत्र में उनके द्वारा किए गए कार्यों का प्रभाव आने वाले दशकों में भी बना रहेगा, जिससे यह साबित होता है कि विज्ञान और तकनीक की इस उन्नति का लाभ हमारे भविष्य के लिए कितनी महत्वपूर्ण है।

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