Manipur Mein Rocket Attack: Ex-CM Ke Ghar Par Hamla, Ek Ki Maut Aur 5 Ghayal, Violence Ka Naya Daur
मणिपुर के पूर्व मुख्यमंत्री के घर पर ‘रॉकेट हमले’ में एक की मौत, पांच घायल: हिंसा का नया दौर शुरू
मणिपुर के पहले मुख्यमंत्री मैरेमबम कोईरेंग सिंह के बिष्णुपुर जिले स्थित घर पर हुए रॉकेट हमले में एक 70 वर्षीय व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि पांच अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। यह हमला शुक्रवार दोपहर 3:30 बजे हुआ और राज्य में 1 सितंबर के बाद से इस तरह का तीसरा हमला है। इस हमले के बाद मणिपुर में तनावपूर्ण माहौल बन गया है और हिंसा की वापसी की आशंका जताई जा रही है।
हमले की घटना: मैरेमबम कोईरेंग सिंह के घर पर ‘रॉकेट अटैक’
स्थानीय लोगों ने बताया कि एक मिसाइल जैसी वस्तु, जो धुएं की लंबी लकीर छोड़ती हुई दिखाई दी, मइरांग शहर के सेनद्रा रोड इलाके के पहाड़ियों के पीछे से आकर बिष्णुपुर में मैरेमबम कोईरेंग सिंह के घर पर गिर गई। पुलिस ने मृतक की पहचान आर.के. राबेई के रूप में की है और सभी घायलों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घटना के समय पीड़ित लोग एक धार्मिक कार्यक्रम के लिए निर्माण कार्य कर रहे थे जब उन पर रॉकेट के टुकड़े आकर गिरे।
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मणिपुर में सामुदायिक संघर्ष और बढ़ता तनाव
बिष्णुपुर जिला मुख्य रूप से मीतेई बहुल इंफाल घाटी में स्थित है, जबकि आस-पास की पहाड़ियां कुकी-जो लोगों द्वारा बसे हुए चुराचांदपुर जिले में आती हैं। मणिपुर में इन दोनों समुदायों के बीच 3 मई 2023 से लगातार संघर्ष जारी है, जिसमें समय-समय पर हिंसक घटनाएं सामने आती रही हैं। इन संघर्षों में शामिल दोनों समुदायों ने एक-दूसरे पर हिंसा और हमले का आरोप लगाया है।
हाल की हिंसा और राज्य सरकार की स्थिति
1 सितंबर के बाद से मणिपुर में बम और मिसाइल जैसे हमलों की घटनाएं बढ़ गई हैं, जिससे राज्य में तनाव और असुरक्षा की स्थिति उत्पन्न हो गई है। राज्य सरकार ने कुकी चरमपंथियों पर इन हमलों को ड्रोन के माध्यम से अंजाम देने का आरोप लगाया है, जबकि कुकी संगठनों का कहना है कि ये हमले मणिपुर पुलिस और मीतेई उग्रवादी संगठनों जैसे कि अराम्बाई तेंगोल की गलतियों का परिणाम हैं। कुकी समूहों का दावा है कि मीतेई बहुल इलाकों में हुई मौतें मणिपुर पुलिस द्वारा की गई गलत फायरिंग के कारण हुई हैं, न कि कुकी उग्रवादियों द्वारा।
मानव श्रृंखला और विरोध प्रदर्शन: मणिपुर में शांति की मांग
इस हिंसा के विरोध में इंफाल घाटी के पांच जिलों में सैकड़ों लोगों ने मानव श्रृंखला बनाकर विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने ‘ड्रोन और गन हमलों’ के खिलाफ अपने गुस्से का इजहार किया और राज्य सरकार को हिंसा को रोकने में असफल करार दिया। विरोध प्रदर्शन में शामिल लोग ‘ड्रोन बमबारी एक आतंकवादी कृत्य है’, ‘मणिपुर की क्षेत्रीय अखंडता से समझौता नहीं किया जा सकता’ और ‘हम शांति चाहते हैं; मणिपुर को बचाओ’ जैसे नारों के साथ प्लेकार्ड ले रहे थे।
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अनिश्चितकालीन कर्फ्यू और स्कूल-कॉलेज बंद
इस बढ़ती हिंसा के मद्देनजर, घाटी आधारित मणिपुर इंटीग्रिटी पर समन्वय समिति ने शुक्रवार से राज्य में अनिश्चितकालीन सार्वजनिक कर्फ्यू का आह्वान किया है। संगठन ने सभी लोगों को अपने घरों में रहने की सलाह दी है और कहा है कि वे अब बाहर सुरक्षित नहीं हैं। इसके साथ ही, राज्य के सभी शैक्षणिक संस्थानों, स्कूलों और कॉलेजों को भी तुरंत और अनिश्चितकाल के लिए बंद करने का निर्देश दिया गया है। राज्य के शिक्षा निदेशक एल. नंदकुमार सिंह ने सभी सरकारी, सहायता प्राप्त, निजी और केंद्रीय विद्यालयों को बंद करने का आदेश जारी किया है।
मणिपुर में हिंसा का नया दौर: सुरक्षा और शांति की मांग
इस घटना के बाद मणिपुर में तनाव और अस्थिरता का माहौल बन गया है। राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन के सामने सबसे बड़ी चुनौती है कि वे राज्य में कानून-व्यवस्था को बनाए रखें और हिंसा के इस नए दौर को समाप्त करें। स्थानीय लोग और विभिन्न सामाजिक संगठन मणिपुर में शांति की बहाली और सभी समुदायों के बीच सद्भाव बनाए रखने की अपील कर रहे हैं।
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इस प्रकार की घटनाएं राज्य में बढ़ते असुरक्षा के माहौल को दर्शाती हैं और यह जरूरी है कि राज्य सरकार और केंद्र सरकार मिलकर इस समस्या का समाधान खोजें ताकि मणिपुर में फिर से शांति स्थापित हो सके।