Modi Ka Singapore Vision: Success Stories Aur Key MoUs India Ke Liye

Modi Ka Singapore Vision: Success Stories Aur Key MoUs India Ke Liye
Modi Ka Singapore Vision

Modi Ka Singapore Vision: Success Stories Aur Key MoUs India Ke Liye

मोदी का लक्ष्य: सिंगापुर जैसी सफलता की कहानियों को भारत में दोहराना, महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि सिंगापुर भारत की ‘एक्ट ईस्ट’ नीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, और भारत अपने क्षेत्र में सिंगापुर जैसी कई सफलता की कहानियाँ बनाना चाहता है। उन्होंने सिंगापुर के अपने समकक्ष लॉरेंस वोंग से मुलाकात की और अर्धचालकों (सेमीकंडक्टर्स) पर आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण समझौते पर हस्ताक्षर किए।

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मुख्य बातें:

प्रधानमंत्री मोदी की घोषणा: मोदी ने घोषणा की कि जल्द ही सिंगापुर में भारत का पहला तिरुवल्लुवर सांस्कृतिक केंद्र खुलेगा। यह केंद्र तमिल कवि-दार्शनिक तिरुवल्लुवर के नाम पर होगा और 2025 में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों की 60वीं वर्षगांठ मनाई जाएगी।

सिंगापुर से प्रेरणा: अपने भाषण में मोदी ने कहा, “सिंगापुर सिर्फ एक साझेदार देश नहीं है, बल्कि सभी विकासशील देशों के लिए प्रेरणा है। हम भारत में कई सिंगापुर बनाना चाहते हैं।”

भारतीय मूल की आबादी का योगदान: प्रधानमंत्री ने सिंगापुर में भारतीय मूल की आबादी के योगदान की सराहना की और कहा कि उन्होंने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने में एक “मजबूत आधार” प्रदान किया है।

समझौतों पर हस्ताक्षर: दोनों देशों ने रक्षा, सुरक्षा, समुद्री जागरूकता, शिक्षा, एआई और ज्ञान साझेदारी के क्षेत्रों में मौजूदा सहयोग पर चर्चा की।

Modi Ka Singapore Vision: Success Stories Aur Key MoUs India Ke Liye

प्रधानमंत्री मोदी के इस दौरे से भारत और सिंगापुर के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूती मिलने की उम्मीद है।
प्रधानमंत्री मोदी का सिंगापुर दौरा: सिंगापुर जैसी सफलता की कहानियाँ भारत में दोहराने का संकल्प, महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को सिंगापुर के साथ भारत के संबंधों को और मजबूत करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए। सिंगापुर को भारत की ‘एक्ट ईस्ट’ नीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बताते हुए, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत अपने क्षेत्र में सिंगापुर जैसी कई सफलता की कहानियाँ रचने का इच्छुक है। इस दौरे में उन्होंने सिंगापुर के प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग के साथ मुलाकात की और कई महत्वपूर्ण समझौतों (MoUs) पर हस्ताक्षर किए, जिनमें से एक अर्धचालकों (सेमीकंडक्टर्स) की आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करने से संबंधित है।

सिंगापुर की सफलता से प्रेरित भारत

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में कहा, “सिंगापुर सिर्फ एक साझेदार देश नहीं है, बल्कि सभी विकासशील देशों के लिए एक प्रेरणा है। हम भारत में कई सिंगापुर बनाना चाहते हैं। सिंगापुर हमारी एक्ट ईस्ट नीति का एक अहम हिस्सा है और हमारे साझा लोकतांत्रिक मूल्य हमें जोड़ते हैं।”

प्रधानमंत्री ने सिंगापुर के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि भारत सिंगापुर में भारतीय मूल की आबादी की भूमिका के लिए सदैव आभारी रहेगा। उन्होंने नेताजी सुभाष चंद्र बोस, आजाद हिंद फौज और सिंगापुर के ‘लिटिल इंडिया’ क्षेत्र को दिए गए सम्मान की भी सराहना की।

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महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर

इस दौरे के दौरान, मोदी और वोंग के बीच अर्धचालकों (सेमीकंडक्टर्स) पर आपूर्ति श्रृंखला को मजबूती देने के लिए एक महत्वपूर्ण समझौता किया गया, जो इस उद्योग में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने में मदद करेगा। इस समझौते के तहत, दोनों देश मिलकर सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग और तकनीकी विकास में सहयोग करेंगे, जो भविष्य की तकनीकी जरूरतों को पूरा करने के लिए आवश्यक है।

तिरुवल्लुवर सांस्कृतिक केंद्र की स्थापना

प्रधानमंत्री मोदी ने घोषणा की कि सिंगापुर में जल्द ही भारत का पहला तिरुवल्लुवर सांस्कृतिक केंद्र खुलेगा, जो प्रसिद्ध तमिल कवि-दार्शनिक तिरुवल्लुवर के नाम पर होगा। यह केंद्र भारतीय संस्कृति और तमिल साहित्य को बढ़ावा देने का कार्य करेगा। यह केंद्र सिंगापुर और भारत के बीच सांस्कृतिक संबंधों को और गहरा करेगा, विशेषकर जब 2025 में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों की 60वीं वर्षगांठ मनाई जाएगी।

रक्षा, शिक्षा और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में सहयोग

मोदी और वोंग ने द्विपक्षीय सहयोग के अन्य क्षेत्रों पर भी चर्चा की, जिसमें रक्षा, सुरक्षा, समुद्री जागरूकता, शिक्षा, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और ज्ञान साझेदारी शामिल हैं। दोनों नेताओं ने म्यांमार में हिंसा जैसे क्षेत्रीय मुद्दों पर भी विचार-विमर्श किया।

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सिंगापुर का औपचारिक स्वागत

प्रधानमंत्री मोदी का सिंगापुर आगमन बुधवार को हुआ, जहां उन्हें पार्लियामेंट हाउस में औपचारिक स्वागत किया गया। सिंगापुर की यात्रा से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने ब्रुनेई का दौरा भी किया था।

संपर्कों का सुदृढ़ आधार

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने आधिकारिक बयान में भारतीय मूल की आबादी के योगदान को सराहा और कहा कि यह सिंगापुर और भारत के बीच संबंधों को मजबूती प्रदान करता है।

निष्कर्ष

प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा भारत और सिंगापुर के संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है। यह दौरा न केवल द्विपक्षीय व्यापार और आर्थिक संबंधों को मजबूत करेगा, बल्कि सांस्कृतिक और रणनीतिक साझेदारी को भी बढ़ावा देगा। मोदी के इस दौरे से यह स्पष्ट होता है कि भारत सिंगापुर की सफलता से प्रेरित होकर अपने विकास के पथ पर आगे बढ़ना चाहता है।

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